Shodashi Secrets
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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या
रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
The selection of mantra form is not really basically a issue of preference but displays the devotee's spiritual plans and the nature in their devotion. It is just a nuanced facet of worship that aligns the practitioner's intentions With all the divine energies of Goddess Lalita.
सेव्यं गुप्त-तराभिरष्ट-कमले सङ्क्षोभकाख्ये सदा ।
The legend of Goddess Tripura Sundari, also known as Lalita, is marked by her epic battles towards forces of evil, epitomizing the eternal struggle amongst excellent and evil. Her tales are not just stories of conquest but also have deep philosophical and mythological significance.
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
प्रणमामि महादेवीं मातृकां परमेश्वरीम् ।
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
तिथि — किसी भी मास की अष्टमी, पूर्णिमा और more info नवमी का दिवस भी इसके लिए श्रेष्ठ कहा गया है जो व्यक्ति इन दिनों में भी इस साधना को सम्पन्न नहीं कर सके, वह व्यक्ति किसी भी शुक्रवार को यह साधना सम्पन्न कर सकते है।
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।